दिल्ली में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध हिंसक प्रदर्शन को लेकर सुनवाई कर रहे ‘जस्टिस मुरलीधर’ का रातों रात ट्रांसफर कर दिया गया। जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिसको फटकार लगाई थी कि भडाकाऊ ब्यान देने वालों के खिलाफ पुलिस एफ.आई. आर क्यों नही कर रही है।
आप को बता दें, कि दिल्ली में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को लेकर सुनवाई करने वाले न्याय मूर्ति का ट्रांसफर ‘दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा’ कोर्ट में कर दिया है। सुनवाई अभी चल ही रही थी कि न्यायमूर्ति का रोतों – रात तबादला कर दिया गया।
जस्टिस मुरलीधर का तबादला होते विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसका बचाव करते हुए कानून मंत्री रविशंकर ने कहा है, कि न्यायमूर्ति का तबादला कोलोजियम व्यवस्था के तहत किया गया है। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, कि न्यायमूर्ति मुरलीधर के हस्तांतरण की सिफारश 12फरवरी 2020 को ही ककर दी थी।
न्यायमू्र्ति मुरलीधर ‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद’ के हस्ताक्षर के बाद, ‘मुख्य न्यायाधीश बोबडे’ की सलाह पर पंजाब औऱ हरियाणा के जज के रुप में अपना कार्यभार संभाल लिया है।
आप को बता दें कि हिंसा में घायलों की सुरक्षा और इलाज को लेकर जस्टिस, मुरलीधर के घर पर आधी रात को सुनवाई हुयी थी।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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