September 20, 2024 8:01 PM

Delhi corona live update : Delhi CM केजरीवाल ने बताया कि लॉकडाउन में ढील के बाद जितनी तेजी से मरीज बढे, उतनी ही तेजी से ठीक भी हुए। चिंता की कोई बात नही।

टीम, भारतीय बुलेटिन

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केजरीवाल सरकार दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए दिल्ली में कराएगी फ्री ट्रांसप्लान्टेशन और लगाएगी स्मॉग टावर।

नयी दिल्लीः DELHI CM ने दी कोरोना की अपडेट। उन्होंने बताया कि 17 मई 2020 को लॉकडाउन में काफी ढील दी गयी थी। एक हफ्ता हो गया । आज एक हफ्ते के बाद, मैं ये कह सकता हूं कि स्थिति नियंत्रण में है। और कोई भी घबराने वाली बात नही है।जब लॉकडाउन में ढील दी गयी थी। हमें ये उम्मीद थी के थोडे केसेस में बढहोत्री होगी।

लॉकडाउन मेंं ढील देने के बाद थोडी से बढहोत्री हुयी है। लेकिन चिंता की कोई बात नही है। मुझे चिंता तब होगी, जब दो बातें अगर होंगी। जब मौत का आंकडा (Mortality rate) तेजी से बढेने लगेगा तब। जैसा मैं बार-बार कहता रहा हूं। -कोरोना हमें आज या कल में छोडने वाला नहीं है। कोरोना तो अभी रहेगा । अगर कोरोना होता रहे और लोग ठीक हो कर अपने घर जाते रहें। तो चिंता करने का कोई विषय नही है।

हमें मिल कर कोशिश करनी होगी कि मौत नहीं होनी चाहिए। मौत के आंकडे को कम से कम रख सकें। और दूसरा ये है कि जो केसेस हो रेहे हैं, वह इतने गंभीर केस न हों कि अस्पतालों का पूसा सिस्टम खत्म (collapse) ही हो जाए।

अगर अस्पताल कोलेप्स हो जाएंगे, बैड नहीं बचें, वेंटिलेटर नहीं बचें तब चिंता का विषय होगा। कल तक दिल्ली में 13,418 केस थे। इनमें से 6540 इलाज के द्वारा ठीक हो चुकें हैं। औऱ 6617 अभी बीमारा हैं। जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। ये आंकडे बताते हैं कि जितने बीमार हैं, उतने ठीक भी हो रहे हैं। 261 लोगों की मौत हो गयी है।

अस्पतालों का हाल

कोरोना के मामले में जो सरकारी अस्पताल हैं। 3829 कुल बैड हैं। जिनमें 3164 बैड्स में ऑक्सीजन की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि मैं ऑक्सीजन पर जोर इस लिए दे रहा हूं कि जिस मरीज को कोरोना हो जाता है। उसकी सांस का respiratory rate बढ जाता है। तब उसको ऑक्सीजन की जरुरत पडती है। कुल 3829 बैड्स में से 1478 बैड्स ही भरे हैं। अन्य खाली है। सरकर के पास 250 वेंटिलेटर की व्यवस्था है। जिसमें से 11 ही प्रयोग में है। अन्य 240 खाली है।

Delhi CM ने प्राइवेट अस्पतालों में की व्यवस्था।

प्राइवेट अस्पतालों में 677 कुल बैड्स हैं। जिनमें से 509 भर चुके हैं। अन्य खाली हैं। इसी लिए सरकार ने कल दिल्ली के 117 प्राइवेट अस्पतालों में ऑर्डर जारी किया है। किल प्राइवेट अस्पतालों को अपने कुल बैड्स का 20 प्रतिशत कोरोना वायरस के मरीजों के लेए रिजर्व रखना होगा। इससे प्राइवेट अस्पतालों के अन्दर लगभग 2000 नये बैड्स उपलब्ध हो गये हैं। ये बैड्स आज से उपलब्ध हैं। प्राइवेट में आज से 72 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। जिनमें से केवल 15 प्रयोग में है।

इस प्रकार सरकरी और प्राइवेट अस्पतालों को मिला कर कुल 4500 बैड्स हैं। जिनमें से कुल 2000 बैड्स ही प्रयोग में है। 2500 खाली हैं।

आप की जानकारी के लिए बता दूं कि कोरोना के अधिकतर केस जिनको थोडा से बुखार है। थोडी सी खांसी है और कुछ को तो पता ही नहीं चलता है कि उनको कोरोना है। क्योंकि कोई लक्षण विकसित ही नही हुए होते हैं। अधिकतर केस ऐसे आ रहे हैं। ऐसे रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत नही पडती है। वह घर पर ही क्वारनंटाइन में रहते हैं। दिल्ली सरकार की एक टीम बराबर उन मरीजों की जानकारी लेती रहती है।

आज दिल्ली के अन्दर 3314 लोगों को घर पर ही क्वारन्टाइन किया गया है। उनका घर पर ही इलाज चल रहा है। लगभग 2000 लोगों का घर पर ही इलाज चल रहा है।

आप को बता दें कि हम जीटीवी अस्पताल को भी कोरोना मरीजों के लिए तैयार कर रहे हैं। इस लिए जीटीवी अस्पताल के 1500 बैड्स तैयार हो जाएंगे। ये सब ऑक्सीजन बैड्स होंगे। इस प्रकार हम तैयार हैं। यदि कोरोना के गंभीर मरीजों की स्थिति भी खराब होती है, तब भी हम तैयार हैं।

एक हफ्ता पहले, 17 मई को लॉकडाउन में ढील दी गयी थी। उस समय दिल्ली में कोरोना के कुल 9755 मरीज थे। आज 13418 हैं। एक हफ्ते के अन्दर लगभग 3500 हजार मरीज बढ गये। इसी के साथ-साथ एक हफ्ते के अन्दर 2500 लोग ठीक हो कर घर चले गये। इस प्रकार अस्पतालों में केवल 250 बैड्स ही भरे हैं।

Delhi CM ने अस्पताल को लगाई फटकार

Delhi CM ने एक अस्पताल का जिक्र करते हुए दिल्ली सीएम ने बताया कि अस्पताल में इलाज करा रहे एक मरीज की सांसों में बढहोत्री देखी गयी। जिसके कारण उसका कोरोना टेस्ट किया गया। टेस्ट में रिजल्ट पोजिटिव आया। रिजल्ट पोजिटिव आने पर अस्पताल ने मरीज से कहा कि आप अपना बैड्स ढूंढ लीजिए।

इस प्रकार की हरकत कोई भी अस्पताल नही कर सकता है। इस लिए उस अस्ताल को ‘‘कारण बताओ नोटिस’’ जारी कर दिया गया है। कि बताइये आप का अस्पताल का लाइसेंस रद्द क्यों न किया जाए। इस लिए हर प्राइवेट अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि कोरोना निकले मरीज को अपनी एंबुलेंस में प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में बेड दिलवाएगा।

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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन

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