पंजाबः पंजाब के मुख्यमंत्री Captain amrinder singh ने कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र द्वारा घोषित तथाकथित सुधारों को देश के संघीय ढांचे को अस्थिर करने की एक अस्वीकार्य कोशिश के रूप में खारिज कर दिया है। और चेतावनी दी है कि यह एमएसपी (MSP) शासन और खाद्यान्न खरीद शासन को भंग करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जिससे राज्य के किसानों में अशांति पैदा होगी।
CM has rejected so-called reforms announced by Centre for Agriculture Sector as a brazen attempt to destabilise country’s federal structure&warned that it could pave way for disbanding MSP regime&foodgrain procurement regime, triggering unrest among state’s farmers: Punjab Govt pic.twitter.com/5zHKZSnVBi
— ANI (@ANI) June 5, 2020
आगे उन्होंने कहा, संवैधानिक ढांचे के तहत, कृषि एक राज्य विषय है। और संघ सरकार के पास कृषि उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण की गतिशीलता से निपटने के लिए कोई कानून बनाने की कोई शक्तियां नहीं हैं। ये राज्य के मामले हैं। जिन्हें अलग-अलग राज्यों को संभालने और प्रबंधित करने के लिए सबसे अच्छा स्थान दिया गया है।
Under Constitutional framework, Agriculture is a State Subject&Union Govt has no powers to make any legislation to deal with dynamics of agricultural production, marketing&processing. These are state matters, which individual states are best placed to handle&manage: Punjab CM https://t.co/lZUxIM8oYh
— ANI (@ANI) June 5, 2020
आप को बता दे कि, बीते गुरुवार को केंद्र सरकार ने कृषि सुधार अधिनियम (essential commodity act 2020) की घोषणा की थी। इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार ने किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की व्यवस्था की थी। जिसके तहत किसान अपनी फसल को मंडी में बेंचने के अतिरिक्त मंडी से बाहर भी अपनी फसल बेच सकते हैं।
essential commodity act 2020
इसके तहत व्यापारी सीधे किसान के घर पर जाकर किसान की फसल खरीद सकता है। लेकिन आज पंजाब के मुख्यमंत्री, captain amrinder singh ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल-ए-निशान लगा दिया है। और केंद्र को चेतावनी दी है कि ये केंद्र का विषय है। इस लिए केंद्र सरकार को राज्यों से अनुमित लेकर ही ये फैसला लेना चाहिए था।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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