“किसान कानून” के विरोधियों को प्रधानमंत्री मोदी का करारा जवाब कहा, ये वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगते थे।

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प्रधानमंत्री मोदी का किसान कानून का विरोध करने वालों को करारा जवाब, कहा ये वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगते रहे हैं।

नयी दिल्लीः “किसान कानून” के विरोधियों को प्रधानमंत्री मोदी ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, ये वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक तक का विरोध करते आये हैं। पीएम मोदी ने एक बार फिर किसानों को ये समझाने की कोशिश की है कि, ‘किसान अपनी फसल को कहीं भी, किसी को भी बेंच सकता है’। लेकिन जब केंद्र सरकार किसानों को उनका अधिकार दे रही है, तो ये लोग इसका विरोध कर रहे है। वे यह नहीं चाहते कि किसान अपनी फसल को खुले बाजार में बेंचें। वे चाहते हैं कि विचौलिए लाभ कमाएं। वे किसानों की आजादी का विरोध कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, किसानों, मजदूरों और स्वास्थ्य से संबंधित कई सुधारों को हाल ही में संपन्न संसद सत्र के दौरान लाया गया था। इन सुधारों से राष्ट्र के मजदूरों, युवाओं, महिलाओं, और किसानों को मजबूती मिलेगी । लेकिन राष्ट्र यह देख सकता है कि कैसे कुछ लोग इसका विरध कर रहे हैं।

पिछले महीने अयोध्या में राम मंदिर का विरोध किया।

पीएम ने कहा, विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग इतने प्रसांगिक होते जा रहे हैं कि इन्होंने पिछले महीने राम मन्दिर का विरोथ किया, फिर भूमि पूजन का विरोध किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया

पीएम मोदी ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने चार साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया फिर उसका सबूत मांगते आये हैं। जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था। लेकिन ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा, साफ कर चुके हैं।

डिजिटल इंडिया का किया विरोध

ये लोग केवल विरोध ही करते आये हैं। इन्होंने हमेशा विरोध ही किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कालखंड में देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है। जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे। देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया।

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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन

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