नयी दिल्लीः आज 12अक्टूबर विजयराजे सिंधिया की जयंती के रुप में मनाया गया क्योंकि विजयराजे सिंधिया जिनको ग्वालियर की राजमाता के नाम से भी जाना जाता है, उनका जन्म 12अक्टूबर 1919 को मध्यप्रदेश के सागर जिले में हुआ था। राजमाता का व्यक्तित्व राजशाही के साथ-साथ राजनीतिक भी था। क्योंकि उनका विवाह ग्वालियर के आखिरी सत्ताधारी महाराज जीजाजी राव सिंधिया के साथा हुआ था। इस लिए वह राज्य की सर्वोच्च शाही हस्तियों में शामिल थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज राजमाता विजयराजे सिंधिया की जयंती पर 100 रुपये के सिक्के लॉन्चकर उनके जन्मदिन को यादगार बना दिया तो वहीं बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी राजमाता के जन्म दिन पर इस तरह ट्विट कर बधाई दी।
ये भी पढें- कोरोना काल में अभिनेता सोनू सूद ने कहा गरीब हारता है किश्मत से तो अमीर हारता है अपनी नीयत से।
भारत को दिशा देने वाले व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं।
— BJP (@BJP4India) October 12, 2020
राजमाता केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं, वो एक निर्णायक नेता और कुशल प्रशासक भी थीं।
स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं। #RajmataScindia pic.twitter.com/NzEWJpNUHk
राजमाता ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी थीं जिनका पूरी नाम लेखा दिव्येश्वरी देवी था। विजयराजे सिंधिया की मृत्यु 25 जनवरी 2001 में नयी दिल्ली में हुयी थी। माधव राव सिंधिया उनके बेटे थे, जो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता थे। वहीं राज माता की दो बेटिया हैं, एक वसुंधरा राजे सिंधिया और दूसरी यशोधाराजे सिंधिया हैं।
ये भी पढें- हाथरस कांड को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप नेता संजय सिंह ने योगी को फिर लताडा
विजयराजे सिंधिया ने इंदिरा लहर में भी जीती थी ये सीटें
राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की नेता रह चुकी हैं. विजयाराजे सिंधिया ने 1957 में कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. वह गुना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं. लेकिन कांग्रेस में 10 साल बिताने के बाद पार्टी से उनका मोहभंग हो गया. विजयाराजे सिंधिया ने 1967 में जनसंघ जॉइन कर लिया. विजयाराजे सिंधिया की बदौलत ही ग्वालियर क्षेत्र में जनसंघ काफी मजबूत हुआ. वर्ष 1971 में पूरे देश में जबरदस्त इंदिरा लहर होने के बावजूद जनसंघ ने ग्वालियर क्षेत्र की तीन सीटों पर जीत हासिल की. विजयाराजे सिंधिया भिंड से, उनके पुत्र माधवराव सिंधिया गुना से और अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से सांसद बने.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा परम श्रद्धेय मेरी आजीअम्मा राजमाता विजया राजे सिंधिया जी की जन्म जयंती समारोह अवसर पर विशेष स्मारक सिक्के के विमोचन कार्यक्रम में। #RajmataScindia pic.twitter.com/b4vLGi0c2W
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 12, 2020
भाजपा मुख्यालय पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 12, 2020
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने आज गरीबों, पिछड़ों व वंचितों के लिए करुणा रखने वाली राजमाता के सम्मान में 100 रूपए के स्मारक सिक्के का अनावरण किया। pic.twitter.com/IOvvt0DBza
आज राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी द्वारा उनकी पावन स्मृति में ₹100 का स्मारक सिक्का जारी किया गया है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 12, 2020
राजमाता जी के महान व्यक्तित्व को कृतज्ञ समाज की ओर से यह समेकित श्रद्धांजलि है।
धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!#RajmataScindia pic.twitter.com/EYvtsofl6M
भारतीय जनता पार्टी के विशाल वटवृक्ष को खड़ा करने में श्रद्धेय राजमाता जी का अतुलनीय योगदान है। वो स्नेहमयी,ममतामयी, वात्सल्यमयी मां थीं; उनके चरणों में प्रणाम!#RajmataScindia जी के जन्म-शताब्दी वर्ष पर ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में विचार साझा किया।https://t.co/gZvGo46w4C https://t.co/wVQFJ5pJet pic.twitter.com/BecnR9ImHy
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 12, 2020
ये भी पढें- केजरीवाल सरकार दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए लगाएगी दूनिया का दूसरा स्मॉग टावर व पेड।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
Get all the latest news from the Bhartiya Bulletin Team