September 20, 2024 10:06 PM

तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से दिया इत्तीफा।

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तीर्थ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने जब शुक्रवार को अपना इस्तीफ़ा दिया, तो उन्होंने पत्र में लिखा कि संवैधानिक बाध्यता के कारण ‘वे’ छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य (uttarakhand) नहीं बन सकते हैं, इस लिए ऐसे में मैं नहीं चाहता कि पार्टी के सामने कोई संकट उत्पन्न हो। इसलिए मैं सीएम पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।

नयी दिल्लीः उत्तराखंड (uttarakhand) के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक को विराम दे दिया है। सीएम रावत ने उत्तराखंड (uttarakhand) की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा दिया हैं। प्रचलित समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्विट कर जानकारी दी है कि राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह (Tirath Singh Rawat) के इस्तीफे के बाद, ‘केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर’ उत्तराखंड (uttarakhand) से रवाना हो गए हैं। जिसके लिए एएनई ने उनके आवास के बाहर की कुछ तस्वीरों को अपने ट्विट में दिखाया है।

तीर्थ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने जब शुक्रवार को अपना इस्तीफ़ा दिया, तो उन्होंने पत्र में लिखा कि संवैधानिक बाध्यता के कारण ‘वे’ छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य (uttarakhand) नहीं बन सकते हैं, इस लिए ऐसे में मैं नहीं चाहता कि पार्टी के सामने कोई संकट उत्पन्न हो। इसलिए मैं सीएम पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।
तीर्थ सिंह रावत ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

वहीं तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने जब शुक्रवार को अपना इस्तीफ़ा दिया, तो उन्होंने पत्र में लिखा कि संवैधानिक बाध्यता के कारण ‘वे’ छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य (uttarakhand) नहीं बन सकते हैं, इस लिए ऐसे में मैं नहीं चाहता कि पार्टी के सामने कोई संकट उत्पन्न हो। इसलिए मैं सीएम पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।

शुक्रवार से लगाई जा रहीं थीं अटकलें

बता दें, बुधवार को अचानक दिल्ली पहुंचे तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें जोरों पर थीं। शुक्रवार देर शाम उन्होंने जेपी नड्डा के सामने इस्तीफे की पेशकश की थी। पौड़ी गढवाल (uttarakhand) से लोकसभा सांसद रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद की शपथ ली थी। संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें 6 महीने के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले-पहले विधानसभा का निर्वाचित सदस्य होना था, लेकिन तीरथ सिंह रावत के विधानसभा पहुंचने में सबसे बड़ी अड़चन के रूप में यह संवैधानिक संकट आ गया।

अमर उजाला का आंतरिक सर्व

साथ ही एक बात आप को और भी बता दें कि, प्रचलित हिन्दी के अख़बार, अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद हुए आंतरिक सर्वे में पाया गया कि तीरथ सिंह रावत के चेहरे के सहारे चुनाव जीतना मुश्किल है।

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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन

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