मुंबईः अभिनेता मुकेश खन्ना ने वीर दास को फटकार लगाते हुए कहा कि वाशिंगन डीसी (Washington DC) के हॉल में जितनी तालियाँ वीर दास (Vir Das) को मिलीं , उतने ही कोड़े हमारे देशवासीयों की तरफ़ से उसे मिलने चाहिए। विदेशी धरती पर अपने ही देश का अपमान करने वाले की हिम्मत पूरी तरह से तोड़ देनी चाहिए ताकि कोई भविष्य में ऐसी बात करने की जुर्रत ना कर सके।
भीष्म पितामह ने आगे कहा कि ये जो स्टैंड-अप कॉडियन है, इसने पूरी स्टैंड-अप कॉडियन का नाम बदनाम कर दिया है। सड़क पर खडे होकर यदि आप किसी को गाली देते हैं या फिर किसी की गलती गिनाते हैं, तो क्या आप स्वंय को सफल मानते हो।
उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि आप अपने घर के वस्त्र बाजार में लाकर धोना शुरु करोगे तो, कोई भी देखना पसंद करेगा।
मुकेश खन्ना ने बताया कि कॉमेडी, कॉमे़डी होती है। कॉमे़डी के तमाम तरीके होते हैं। जैसे कि सकरात्मक और नकारात्मक तरह की कॉमेडी। यदि आप को लोगों को हंसाना ही है, तो आप लोगों को सकरात्मक तरह की कॉमे़डी से हसाइये।
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वीर दास आपने आप को क्या साबित करना चाहता, क्या वह बहुत बोल्ड है? क्या उसमें इतनी हिम्मत है कि वह अपने पूरे देश के खिलाफ बोल सकता है ? वीर दास (Vir Das) विदेश धरती पर उस हॉल की प्रशंसा कता है, वहां के लोगों की प्रशंसा करता है। उसकी इतनी हिम्मत कैसी हुयी कि वह हमारे देश का नाम बदनाम कर रहा है।
Vir Das जैसे लोग ये सब पैसे के लिए करते हैं।
उन्होने आगे ये भी कहा कि वीर दास (Vir Das) उन लोगों के सामने इंडिया की बुराई कर रहा है जो सदियों से हमारी बुराई को गिनते आये हैं। जिन लोगों को अपनी डॉक्यूमेंट्रीस में सांप नचाते हुए मदारी दिखते हैं, बैल चलाते हुए किसान दिखते हैं, इसके सिवाय उन्हे कुछ नहीं देखता है। क्या हमारा देश आज भी वहीं पर है? उन लोगों के सामने वीर दास (Vir Das) जैसा स्टैंड-अप कॉमे़डियन बुराई करता है। जबकि आज इंडिया विकास की नयी उंचाइयों को छू रहा है।
यदि वीर दास जैसे लोग कुछ बोलते हैं, तो ये कुछ नहीं हैं बल्कि दूसरे मीर चंद हैं, मीर जाफर है। वीर दास जैसे लोग जो दूसके के चूल्हे पर रोटियां सेकते हैं, केवल व केवल पैसे के लिए। इस स्टैंड-अप कॉमेडियन वीर दास जैसे लोगो का काम तालियां बटोरना है और कुछ नहीं।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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