हरियाणाः एक आंदोलन अब हुआ है किसानों का तीन बिलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी ने बहुत आदर के साथ तीनों बिलों को वापस लेने की घोषणा कर दी । यह अंतर है कांग्रेस और भाजपा में । ऐसा करने से नरेंद्र मोदी जी का कद आज और बढ़ गया है । सबको उनकी बात का सम्मान करना चाहिए ।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने आगे कहा कि एक आंदोलन पहले भी हुआ था नेता थे जयप्रकाश नारायण। नारा था संपूर्ण क्रांति। देश में सत्तारूढ़ पार्टी थी कांग्रेस। इंदिरा गांधी (Indira gandhi) थी। उन्होंने बात मानने की बजाय 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाकर सारे नेताओं को जेल में डाल दिया था ।
एक आंदोलन अब हुआ है किसानों का तीन बिलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बहुत आदर के साथ तीनों बिलों को वापस लेने की घोषणा कर दी । यह अंतर है कांग्रेस और भाजपा में । ऐसा करने से नरेंद्र मोदी जी का कद आज और बढ़ गया है । सबको उनकी बात का सम्मान करना चाहिए ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) November 20, 2021
एक आंदोलन पहले भी हुआ था नेता थे जयप्रकाश नारायण नारा था संपूर्ण क्रांति देश में सत्तारूढ़ पार्टी थी कांग्रेस इंदिरा गांधी थी प्रधानमंत्री उन्होंने बात मानने की बजाय 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाकर सारे नेताओं को जेल में डाल दिया था ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) November 20, 2021
कृषि आंदोलन
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानून (Three Farms Law) वापस ले लिए हैं। जिसके जबाव में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, “आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। जबतक संसद में तीनों कानूनो को खारिज नही कर दिया जाता, साथ ही एमएसपी समेत अन्य बातों पर समाधान नहीं निकलता।
ये कृषि आंदोलन लगभग 11 महीने से अधिक चला और 700 से ज्याद किसानों की जान चली गयी है। किसानों पर मुकद्दमें भी लगाए गये हैं। परन्तु एक बात स्पष्ट है कि प्रधान मंत्री मोदी (Narendra Modi) ने तीनों कानून को वापस लेकर देश का मान बढाया है, किसानों का मान बढाया है। इससे उनका कद और बढा होगा।
जेपी आंदोलन
सम्पूर्ण क्रान्ति जयप्रकाश नारायण का विचार व नारा था जिसका आह्वान उन्होने इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का आहवान किया था। मैदान में उपस्थित लाखों लोगों ने जात-पात, तिलक, दहेज और भेद-भाव छोड़ने का संकल्प लिया था। उसी मैदान में हजारों ने अपने जनेऊ तोड़ दिये थे। नारा गूंजा था:
जात-पात तोड़ दो, तिलक-दहेज छोड़ दो।
समाज के प्रवाह को नई दिशा में मोड़ दो।
सम्पूर्ण क्रान्ति में लोकनायक नें कहा था कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है – राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। सम्पूर्ण क्रांति की तपिश इतनी भयानक थी कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। जय प्रकाश नारायण जिनकी हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने कहा था कि ‘सम्पूर्ण क्रांति’ से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है |’’
ये भी पढेंः प्रधानमंत्री मोदी ने लिए तीनों कृषि कानून वापस देखें वीडियो।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
Get all the latest news from the Bhartiya Bulletin Team