फरीदाबादः हर साल कबीरदास की जयंती (Kabir Das Jayanti) को बढे ही धूम-धाम से मनाया जाता है। पिछले वर्ष संत कबीर दास की जयंती (Kabir Das Jayanti) को 24 जून को मनाया गया था परन्तु वर्ष 2022 में यह 14 जून को मनाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने संत कबीर दास की जयंती की शुभ कामनाएं देते हुए लिखा- समाज में व्याप्त धार्मिक पाखंड, अंधविश्वासों, कुरीतियों और रूढ़िवादिता को अपनी सरल बाणी से दूर करने का अद्भुत कार्य करने वाले संत श्रेष्ठ, कवि एवं महान विचारक संत कबीर दास जी की जयंती के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
समाज में व्याप्त धार्मिक पाखंड, अंधविश्वासों, कुरीतियों और रूढ़िवादिता को अपनी सरल बाणी से दूर करने का अद्भुत कार्य करने वाले संत श्रेष्ठ, कवि एवं महान विचारक संत कबीर दास जी की जयंती के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/iLvXUBwwKT
— Dushyant Chautala (@Dchautala) June 14, 2022
जबकि हरियाणा प्रदेश के सीए मनोहर लाल खट्टर ने संत कबीरदास की जयंती (Kabir Das Jayanti) के उपलक्ष्य में कयी घोषणाएं की व अपने सरकारी आवास का नाम बदल कर ‘संत कबीर कुटीर’ रख लिया। ये भी पढेंः Om Prakash Chautala DA Case: आय से अधिक मामले में आज हरियाणा पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली कोर्ट सुना सकती है सजा।
मैंने अपने जीवन में कबीर दास जी से जो सीखा, समझा, जाना और जितना उन्हें अपने कार्यों में उतार पाया।
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 12, 2022
उसी श्रद्धा और समर्पित भाव से मैं आज घोषणा करता हूं कि…
हरियाणा मुख्यमंत्री निवास का नाम अब से "संत कबीर कुटीर" होगा। pic.twitter.com/GUoe0gHA8p
कबीर जयंती पर सीएम की घोषणाएं
संत कबीर दास जी के सिद्धांतों के अनुरूप हरियाणा सरकार अंत्योदय के लिए वचनबद्ध है।
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 12, 2022
आज उनकी जयंती पर आयोजित समारोह में प्रदेशवासियों के लिए कई घोषणाएं की। pic.twitter.com/BcwTZTq2BZ
क्यूं मनाई जाती है Kabir Das Jayanti
कबीर जयंती को कबीर प्रकट उत्सव के उपक्ष्य में मनाया जाता है। परन्तु रामपाल के अनुयायियों ने इसे प्रकट उत्सव के रुप में मनाना शुरु कर दिया, जिसके लिए रोहतक के मेला ग्राउंड में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। यह साल में एक बार हिन्दी पंचांग के ज्येष्ठ महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ऐसा मना जाता है कि परम संत कबीर इसी दिन 1398 इ. में काशी के लहरतारा तालाब में कमल पर शिशु कि रुप में प्रकट हुए थे। उन्हें नीरु-नीम नामक जुलाहा दंपति उठा ले गये थें और उनका पोलन पोषण किया। कबीर प्रकट उत्सव 2021 में जून के महीन में मनाया गया था वहीं वर्ष 2022 में यह आज 14 जून को मनाया जा रहा है।
कबीदास का इस लिए है महत्व
कबीर प्रकट दिवस 1398 ईस्वी में हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन पृथ्वी पर कबीर साहिब के प्रकट होने के दिन को चिह्नित करता है। यह विवादित है कि वह पृथ्वी पर कैसे प्रकट हुए। कुछ का मानना है कि उन्होंने माता-पिता से जन्म लिया, जबकि अन्य का कहना है कि वह स्वयं “लहारतारा” झील में एक कमल के फूल पर प्रकट हुए थे।
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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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