एसएचओ साइबर एनआईटी ने सेक्टर 88 स्थित मॉडर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं को साइबर बुलिंग, साइबरस्टॉकिंग, पोर्नोग्राफी तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी.

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एसएचओ साइबर एनआईटी ने सेक्टर 88 स्थित मॉडर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं को साइबर बुलिंग, साइबरस्टॉकिंग, पोर्नोग्राफी तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी.

फरीदाबाद: डीसीपी नीतीश कुमार अग्रवाल द्वारा नागरिकों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के दिशा निर्देश के तहत कार्य करते हुए साइबर पुलिस थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत व उनकी टीम ने सेक्टर 88 स्थित मॉडर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल पहुंचकर छात्र छात्राओं को आज के डिजिटल युग में बढ़ रहे साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करते हुए इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बसंत आज छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए मॉडर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल पहुंचे जहां बच्चों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें बताया कि आज के इस आधुनिक युग में डिजिटल मीडिया का प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। युवा वर्ग सोशल मीडिया पर सबसे अधिक एक्टिव रहता है और देश दुनिया में चल रही घटनाओं के बारे में अपनी राय सोशल मीडिया के माध्यम से आसानी से रख सकता है। ये भी पढेंः चोरी के मुकदमे में 11 साल से फरार चल रहे आरोपी पीओ को क्राइम ब्रांच छात्रा ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

सोशल मीडिया और साइबर अपराध

सोशल मीडिया का उपयोग दुनिया के किसी भी कोने चल रहे घटनाचक्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ अपने दोस्तों और भाई बंधुओं के साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को एक दूसरे के साथ संपर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। परंतु हर चीज के सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। सकारात्मक प्रभाव के तौर पर जहां एक तरफ यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों को एक दूसरे से जोड़ते हैं वही नकारात्मक दृष्टि से कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति इसका नाजायज फायदा उठाकर साइबर अपराध की वारदातों को अंजाम देते हैं। ये भी पढेंः क्राइम ब्रांच बॉर्डर ने वाहन चोरी के आरोपी को देसी कट्टे सहित किया गिरफ्तार, एक देशी कट्टा व एक मोटरसाइकिल बरामद

छात्रों के लिए ये साइबर अपराध जानना जरुरी था

वैसे तो साइबर अपराधों के बहुत सारे प्रकार होते हैं परंतु स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए साइबर बुलिंग, साइबरस्टॉकिंग, पोर्नोग्राफी तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक है। साइबर बुलिंग वह अपराध है जिससे एक साधारण व्यक्ति बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में पहुंच सकता है। साइबर बुलिंग का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के सामने जाए बिना ही इंटरनेट के माध्यम से किसी व्यक्ति का मजाक उड़ाना। किसी भी प्रकार से यदि कोई व्यक्ति किसी परेशानी से गुजर रहा होता है तो कुछ नकारात्मक प्रवृत्ति के व्यक्ति उसकी मदद करने के बजाय उसका मजाक उड़ाते हैं। सामने जाकर मजाक उड़ाना आजकल पुरानी बातें हो गई है आज इंटरनेट का जमाना है इसलिए बिना किसी के सामने जाए सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत से लोग साइबर बुलिंग करते हैं जो कि कानूनन अपराध है।

साइबर बुलिंग

साइबर बुलिंग से कोई भी व्यक्ति मानसिक तनाव की स्थिति में पहुंच सकता है जिससे वह उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है। साइबर स्टॉकिंग के बारे में समझाते हुए इंस्पेक्टर बसंत ने बताया कि जिस प्रकार एक व्यक्ति सड़क पर, घर या कार्यालय में किसी दूसरे व्यक्ति का पीछा करता है उसी प्रकार आजकल इंटरनेट पर जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति की सारी जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट पर उसका पीछा करता है तो उसे साइबरस्टॉकिंग कहते हैं। इंटरनेट पर किसी की जानकारी हासिल करके उसका गलत उपयोग करना साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। साइबर ग्रूमिंग बच्चों और किशोरों के सामने आने वाले प्रमुख साइबर खतरों में से एक जो लगातार रूप में बढ़ रहा है। यह एक ऐसी प्रथा है जहां कोई व्यक्ति यौन शोषण के लिए उनका विश्वास हासिल करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों के साथ भावनात्मक बंधन बनाता है। ये भी पढेंः अभिनेता सलमान खान पर एक बार फिर उनकी एक्स गर्लफ्रेंड सोमी अली ने गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा…

एसएचओ साइबर एनआईटी ने सेक्टर 88 स्थित मॉडर्न दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं को साइबर बुलिंग, साइबरस्टॉकिंग, पोर्नोग्राफी तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी.

लाइक के चक्कर में हो जाते हैं साइबर अपराध का शिकार

सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी फोटो पर ज्यादा लाइक पाने के चक्कर में बच्चे ऑनलाइन ग्रूमिंग का शिकार हो रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स उनको उकसाकर उनकी अश्लील तस्वीरें या वीडियो हासिल कर रहे हैं और इन्हीं के आधार पर ब्लैकमेल किया जा रहा है। ब्लैकमेलिंग में भी बच्चों से रकम के बजाए उनसे उनकी अश्लील तस्वीरें या वीडियो मांगे जाते हैं। इसके बाद वह इन वीडियोज और तस्वीरों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए अश्लील वेबसाइट को बेच दिया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए अलग-अलग वेबसाइट पर अपलोड किए गए 40 फीसदी से ज्यादा वीडियोज ऑनलाइन ग्रूमिंग का ही नतीजा हैं।

साइबर अपराध से कैसे बचें

इस प्रकार के साइबर अपराधों से बचने के लिए इंस्पेक्टर बसंत ने बचाव के कुछ तरीके बताएं जिसमें उन्होंने बताया कि उन लोगों से बात करने से बचें, जो आपसे आपके शारीरिक या यौन अनुभव से जुड़े सवाल पूछते हैं। आप उस व्यक्ति से कह सकते हैं कि वह आपसे ऐसे सवाल करना बंद कर दे, आप असहज महसूस करते हैं। यदि वे ऐसा ही करना जारी रखते हैं, तो तुरंत अपने माता-पिता को सूचित करें।उन लोगों से बात न करें, जो आपसे आपकी कामुक तस्वीरें या वीडियो साझा करने के लिए कहते हैं। यदि आप किसी व्यक्ति के साथ अपनी कामुक फोटो या वीडियो साझा करते हैं, तो व्यक्ति इन तस्वीरों को दूसरों के साथ साझा कर सकता है या उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकता है।

या वे आपको ब्लैक मेल भी कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर आपके साथ साइबर बोलेंगे पुलिंग साइबरस्टॉकिंग पोर्नोग्राफी या साइबर ग्रूमिंग प्रकार की अपराध करने की कोशिश करता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि पुलिस समय रहते स्थिति को संभाल सके और अपराधी को उसके अंजाम तक पहुंचा सके। छात्र छात्राओं द्वारा साइबर अपराध के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए इंस्पेक्टर बसंत का तहे दिल से धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

पुलिस प्रवक्ता।

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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन

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