फरीदाबाद: स्वास्थ्य विभाग झज्जर को सूचना मिली थी कि मेडिट्रीना हार्ट सेंटर, बीके अस्पताल में अनधिकृत, अनक्वालिफाइड व्यक्ति, जरूरतमंद लोगों के इको टेस्टिंग कर रहे हैं। जो कि लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए झज्जर से एक मेडिकल टीम डॉक्टर शैलेंद्र और डॉक्टर ममता की टीम बीके अस्पताल पहुंची बीके हॉस्पिटल के स्वास्थ्य अधिकारियों से मुलाकात करके सूचना के बारे में अवगत कराया गया जहां पर सीएमओ ने डॉक्टर हरीश आर्य और डॉक्टर एमपी सिंह की एक टीम गठित की स्वास्थ्य विभाग और थाना एसजीएम नगर चौकी नंबर 3 की पुलिस टीम के साथ बीके हॉस्पिटल स्टेट मेडिट्री ना प्राइवेट हार्ट सेंटर पर छापा मारा गया। ये भी पढेंःविशाखापट्टनम से सस्ते दामों में गांजा लाकर इसे दिल्ली-फरीदाबाद में खपाने की फिराक में था आरोपी, फरीदाबाद पुलिस ने धरदबोचा.
आरोपी को पकड़ने के लिए मेडिकल टीम ने एक 4 महीने की गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर इको टेस्ट के लिए भेजा। सेंटर में महिला से 1100 रुपए लिए गए और बिना किसी आईडी प्रूफ व रेफरल स्लिप देखे टेक्नीशियन दिनेश ने इको जांच करके रिपोर्ट पर अधिकृत डॉक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। सुषमा की टीम ने इसके अलावा एक और व्यक्ति को भी नकली ग्राहक बनाकर भेजा उसका भी टेक्नीशियन आरोपी दिनेश ने इको टेस्ट करके और रिपोर्ट पर अधिकृत डॉक्टर के हस्ताक्षर करके दे दिया।
स्वासथ्य विभाग की टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
स्वास्थ विभाग की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया पूछताछ की जिसे पता लगा कि वह यह टेस्ट करने के लिए अधिकृत नहीं है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। इको टेस्ट करने वाली मशीन को सील किया गया ।आरोपी की पहचान दिनेश पुत्र प्रेम के रूप में हुई है। आरोपी के खिलाफ डॉक्टर एमपी सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 420 तथा लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पीएनडीटी एक्ट) की धाराओ के अंतर्गत कल थाना एसजीएम नगर में मुकदमा दर्ज किया गया था। ये भी पढेंः Faridabad News: वाहन चोर आरोपी को क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 ने किया गिरफ्तार,चोरी की 2 मोटरसाइकिल बरामद
आरोपी ने पीएनडीटी एक्ट की धाराओं का उल्लंघन किया। आज आरोपी को अदालत में पेश करके 1 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। मामले में जांच की जा रही है और आरोपी इको टेस्ट के लिए अनक्वालिफाइड और अनट्रेंड व्यक्ति था और रिपोर्ट बनाकर दे रहा था और जिस डॉक्टर के साइन होने थे उनने फर्सी हस्ताक्षर कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा था। रिमांड के दौरान पता लगाया जाएगा कि वह खुद अपने तौर पर यह सब कर रहा था या और किसी की भी इसमें मिलीभगत थी, पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बीके अस्पाताल पर पहले भी उठ चुकी हैं उंगली
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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