नयी दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। लॉकडाउन के चलते मजदूर फसे हुए हैं। अब इन मजदूरों को इनके घर वापस पहुंचानें में राज्य सरकारें जुटी हुयी हैं। केंद्र की मंदूरी इन राज्य सरकारों को मिल गयी है, साथ ही केंद्र सरकार भी फसे मजदूरों को घर वापसी में लगी है। केंद्र सरकार भारतीय रेल के माध्यम से इन मजदूरों को इन घर वापस पहुंचा रही है। लेकिन मजदूरों को अपना किराया वहन करना होगा। इस विषय को लेकर मुद्दा गरमा गया है। मजदूरों के किराये को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है।
सोनिया गांधी का बडा ऐलान
आज congress अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों के रेल किराए को लेकर बडा ऐलान किया है। सोनिया गांधी ने कहा है कि मजदूरों को रेल किराया ‘कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां’ वहन करेंगी। उन्होंने Congress ‘प्रेदश इकाइयों’ को मजदूरों के रेल किराया के खर्च उठाने का निर्देश दिया है। अब मजदूरों का रेल किराया कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां उठाएंगी।
Indian National Congress has taken a decision that every Pradesh Congress Committee shall bear the cost for the rail travel of every needy worker & migrant labourer and shall take necessary steps in this regard: Sonia Gandhi, Congress President (File pic) pic.twitter.com/rmQ4ovsHhE
— ANI (@ANI) May 4, 2020
साथ ही congress ने रेल मंत्रालय पर आरोप लगातेहुए कहा, कि रेल मंत्रालय pm cares fund में 151 करोड़ रु. चंदा दे सकती है, तो क्या मजदूरों को रेल किराया वहन नहीं कर सकती है। मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से ये ऐलान एक तोहफा है। इस मुद्दे को लेकर अब राजनीति गरमाती दिखाई पड़ रही है।
एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2020
जरा ये गुत्थी सुलझाइए! pic.twitter.com/qaN0k5NwpG
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
Get all the latest news from the Bhartiya Bulletin Team