नयी दिल्लीः अभिनेता सोनू सूद अपनी मदद के कारण चारों तरफ चर्चा का विषय बने रहते हैं। वह बराबर जरुरतमदों की मदद कर रहे हैं। चाहें वह मदद किसीभी प्रकार की ही क्यूं न हो। बस मदद करने वाले का संदेश सोनू सूद तक पहुंच जाए। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। बलिया उत्तर प्रदेश के बैडमिंटन खिलाडी शिवम मिश्र का । शिवम के भारत आने के बाद सोनू सूद ने लिखा कि “आप को वादा किया था कि हिन्दुस्तान वापस लाऊंगा। तो लाना ही था और किसान की जमीन कैसे बिकने देता। मेरे देश का खिलाडी है। दूसरे ग्रह पर भी होता तो भी वापस ले आता”।
सोनू सूद ने फिर दिखाई दरियादिली पॉपकोर्न बेचने वाले बच्चे को ऑनलाइन पढाई के लिए भेजा स्मार्टफोन।
शिवम् आप को वादा किया था की हिंदुस्तान वापिस लाऊँगा।
— sonu sood (@SonuSood) September 25, 2020
तो लाना तो था ही। और …
किसान की ज़मीन कैसे बिकने देता।
मेरे देश का खिलाड़ी है। दूसरे ग्रह पे भी होता तो भी वापिस ले आता भाई 🇮🇳 https://t.co/PnPk5wRlp6
शिवम मिश्र एक बैडमिंटन खिलाडी हैं और वह अपने खर्च पर इंडोनेशिया ट्रेंनिंग के लिए गये थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से वहीं फस गये और भारत वापस नहीं आ सके। शिवम मिश्र के वापस न आने का कारण है कि, जिस शिक्षण संस्थान में ट्रेनिंग के लिए वह ठहरे थे, उसका बिल न चुका पाना था । इसके लिए उन्होंने सोनू से मदद मांगी और अभिनेता ने भी शिवम की मदद की। इस लिए शिवम अब भारत आ चुके हैं।
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6 महीने से इंडोनेशिया में फसा था शिवम
भारत वापस आने के बाद “शिवम ने लिखा-@SonuSood मैं 6 महीने से इंडोनेशिया में फसा था। सभी सरकारों से महीनों मिन्नतें करके हार गया था। पिता जी मुझे वापस लाने के लिए ज़मीन बेचने को तैयार थे। लेकिन आपने आज मुझे मेरे देश हिन्दुस्तान वापस लाकर ये साबित कर दिया कि आप से बडा हीरो कोई नहीं है, कोई नहीं था और न कोई होगा।
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सरकार से मदद न मिलने पर सोनू सूद से लगाई मदद की गुहार।
हिन्दी के एक अखबार में छपी ख़बर के मुताबिक, “बैडमिंटन के राष्ट्रीय खिलाडी शिवम मिश्र इंडोनेशिया में फंसे हैं। जिले के कराहपीठिया के रहने वाले शिवम लॉकडाउन से पहले 15 मार्च को स्वंय के खर्चे पर एक माह की ट्रेनिंग लेने इंडोनेशिया गये थे। और 25 मार्च में लगे लॉकडाउन के चलते वहीं फंस के रह गये। शिवम की परेशानी यह है किअब प्रशिक्षण संस्थान दो माह का शुल्क 2.63 लाख चुकाने को कह रहा है। इसे चुकाने के बाद ही शिवम मिश्र की वतन वापसी होगी”।
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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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