- वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है।
- केरल में आया पहला मामला, डब्लयू एचओ (WHO) के अनुसार पहली बार बंदरों में पाया गया।
- एडीज मच्छर के काटने से रोंके अपने आप को, तो बच सकेंगे जीका से।
नयी दिल्लीः कोरोना अभी गया ही नहीं कि, एक और मुसीबत का सामना भारत को करना पड सकता है, उस मुसीबत का नाम है जीका वायरस (Zika virus)। केरल में कल( गुरुवार) को जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की रहने वाली गर्भवती महिला के ब्लड सैंपल में जीका वायरस की पुष्टि हुई। आप को बता दें, मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक 28 जून को महिला तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में बुखार, सिर दर्द और चकत्ते के चलते भर्ती हुयी थी। ब्लड टेस्ट से उसके पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद सैंपल को पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेज दिए गया।
कैसे रोकें जीका वायरस को फैलने से
Zika virus की वैक्सीन न होने के कारण जीका को फैलने से रोकने का एक आसान तरीका है कि एडीज मच्छर को फैलने से रोकना। यदि एडीज मच्छर नहीं काट पाएगा तो जीका नहीं फैल पाएगा। जीका वारस (Zika virus) के काट के लिए वैक्सीन की खोज अभी जारी है। वहीं दूसरी एतिहात के तौर, फुल स्लीव कपडे पहनना। अन्दर और बाहर कभी गन्दे पानी का जमाव न होने देना, जिससे एडीज मच्छर अंडे न दे सके।
जीका के लक्षण
जीका के लक्षण बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ में दर्द समेत डेंगू के समान होते हैं। हालांकि जीका वायरस (Zika virus) से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं होता, लेकिन उनमें से कुछ को बुखार, मांसपेशी और जोड़ का दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, फुन्सी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है। ये लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं।
Zika virus की उत्तपति कैसी होती है।
Zika virus मुख्य रूप से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। एडीज मच्छर से ही डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार का ट्रांसमिशन होता है।
एडीज मच्छर आम तौर से दिन के समय, खास कर सुबह और शाम में काटने के लिए जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 1947 में पहली बार बंदरों में जीका वायरस (Zika virus) की पहचान हुई थी।
Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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