पूर्व राष्ट्रपति ड़ॉ.अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा लाखों लोगों को ताकत देती है पीएम मोदी।

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पीएम मोदी ने डॉक्टर अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर याद किया कहा वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में उनके अमिट योगदान को भारत कभी भी भुला नहीं सकता है।

नदी दिल्लीः पीएम मोदी ने डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती पर उनको याद किया उन्होंने लिखा- भारत राष्ट्रीय विकास के प्रति आपके अमिट योगदान को कभी भुला नहीं सकता जो कि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में है। उनकी जीवन यात्रा लाखों लोगों को ताकत देती है।

वहीं गृहमंत्री अमितशाह ने भी पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम को याद किया और श्रृद्धांजलि अर्पित की उन्होंने लिखा- डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें याद करते हुए, एक दूरदर्शी नेता और भारत के अंतरिक्ष व मिसाइल कार्यक्रमों के वास्तुकार, जो हमेशा एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहते थे। विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अमर विरासत प्रेरणा का प्रतीक है।

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मिसाइल मैन के नाम से हैं विख्यात

ड़ॉ. कलाम मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) और भारतीय अनुसंधान संस्थान (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में ‘मिसाइल मैन’ के रूप में जाना जाता है।

डॉ. कलाम की जयंती को विश्व विद्यार्थी डे के रुप में मनाया जाता है। ड़ॉ. कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम है। इन्हे मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे। 

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आज भी युवा पीढी को प्रेरणा देते हैं कलाम

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 का रामेश्वर में हुआ था और उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को शिलांग में हुयी। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। ड़ॉ.अब्दुल कलाम के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई

कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न , भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये।

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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन

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