आन्ध्र प्रदेशः Andhara pradesh विधानसभा ने आज नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। एनपीआर अपने मौजूदा प्रारूप में पीपीएल के प्रति भय पैदा कर रहा है।
The resolution states that NPR in its current format is causing fear in minds of ppl. Addition of new columns,pertaining to parents' place&date of birth,mother tongue etc,in NPR 2020 has led to unnecessary confusion&lack of trust among ppl: Andhra Pradesh Dy CM (Minority Welfare)
— ANI (@ANI) June 17, 2020
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया है कि, एनपीआर अपने मौजूदा प्रारूप में पीपीएल के प्रति भय पैदा कर रहा है। एनपीआर 2020 में माता-पिता के स्थान और जन्म तिथि, मातृभाषा आदि से संबंधित नए स्तंभों को जोड़ने से पीपीएल के बीच अनावश्यक भ्रम और विश्वास की कमी हुई है।
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Under these circumstances, the Government of Andhra Pradesh requests the Central Government to revert the NPR exercise to 2010 format and as such we request the process be kept in abeyance till such time: Deputy Chief Minister (Minority Welfare) Amzath Basha Shaik Bepari
— ANI (@ANI) June 17, 2020
उपमुख्यमंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) अमजथ बाशा शाप बापरी ने कहा, इन परिस्थितियों में, आंध्र प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि वह एनपीआर की कवायद को 2010 के प्रारूप में वापस लाए और जैसा कि हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को ऐसे समय तक बरकरार रखा जाए।
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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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