उत्तर प्रदेश (लखनऊ): उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब गौ रक्षा हेतु सख्त कदम उठान जा रही है। इसके लिए योगी सरकार ने गौ वंश की रक्षा करने व गौ वध को रोकने के लिए गौवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 पर मोहर लगा दी है। जिसके तहत जेल व सजा का प्रावधान है।
अभी तक गौ वंश की रक्षा हेतु गौवध अधिनियम 1955 प्रावधान था। जिसमें योगी सरकार ने कठोर संशोधन किये हैं। अध्यादेश का एक मात्र उद्देश्य गौवंश की रक्षा करना है। साथ में गौवध अधिनियम 1955 को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाना है। साथ ही गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों को पूर्णता खत्म करना है।
लखनऊ: योगी कैबिनेट ने आज उत्तर प्रदेश में गो वंश की रक्षा करने और गोवध को रोकने के लिए गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश,2020 पर मुहर लगाई। अब से अंग-भंग करने पर 1-7 साल की जेल और 1-3 लाख रु. तक जुर्माना और गोवध करने वालों को3-10साल की जेल और 5लाख रु. तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। pic.twitter.com/XhsUdlMrZ9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2020
एक से सात साल की सजा का प्रावधान
गोवध निवारण अध्यादेश 2020 की धारा-5 (ख) के अनुसार यदि कोई गोवंशीय पशुओं को क्षति पहुंचाता है। उनके जीवन में संकट उत्पन्न करता है या उनका अंग भंग करता है। तो उसके लिए कठोर कारावास के रुप में 1 से 7 की जेल का प्रावधान हैं और जुर्माने के रुप में 1 से 3 लाख के रुपये का प्रावधान है।
धारा-3 या धारा-5 या धारा-5 (क)
जो कोई व्यक्ति धारा-5 या धारा-5(क) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। यो उल्लंघन करने का प्रयास करता है। वह 3 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा का पात्र होगा और उसके लिए 3 लाख से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
धारा-5 के उपबंध के उल्लंघन के अभियुक्त व्यक्ति का नाम , फोटोग्राफ मोहल्ला में ऐसी किसी महत्वपूर्ण स्थान पर जहां अभियुक्त सामान्यतः निवास करता हो। यो ऐसी जगह पर जहां वह विधि प्रवर्तन अधिकारियों से अपने आप को छिपाता हो, प्रकाशित किया जाएगा।
विधानमंडल में पास करना पडेगा अध्यादेश
अब योगी आदित्यनाथ सरकार को इस अध्यादेश को पास कराने के लिए राज्य विधानमंडल सत्र के दोनों सदनो से पास कराना पडेगा। यानि अब योगी सरकार को इसे ‘विधान सभा’और ‘विधान परिषद’ से पास करना पडेगा उसके बाद ये अध्यादेश का रुप ले लेगा।
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Author: टीम, भारतीय बुलेटिन
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