नयी दिल्लीः दिल्ली सरकार ने आज से दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए शुरु किया “युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध ” अभिनयान। हर साल अक्टूबर से दिसंबर तक प्रदूषण लेवल काफी बढ जाता है। जिससे दिल्ली को नहीं बल्कि पूरे एनसीआर को प्रदूषण की समस्या का सामना करना पडता है। इसी लिए इस समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार ने आज से शुरु किया है- “युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध” अभिनयान।
केजरीवाल ने बताया कि, दिल्ली में इतना प्रदूणष केवल दिल्ली ही पैदा नहीं करती है बल्कि आसपास के राज्यों में जलायी जाने वाली पराली है। इसके लिए किसान और उसके परिवार को भी प्रदूषण का ज्यादा सामना करना पडता है। इस लिए प्रदूषण को कम करने केलिए दिल्ली सरकार ने ये उठाये हैं ये कदम-
दिल्ली सरकार एक ‘ग्रीन ऐप लॉन्च करने जा रही है। जिससे कि दिल्ली में जैसे ही कहीं पर भी प्रदूषण दिखाए दे जैसेकि- कूडा जलाया जा रहा है, दिखे कि कोई ट्रक ज्यादा प्रदूषण फैला रहा है, कोई इंडस्ट्री या फिर कोई भी ऐसी एक्टिविटी जो प्रदूषण को बढावा दे रही है। आप इस ऐप के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आप उसकी फोटो खींच कर उसकी शिकायत इस ऐप के माध्यम से कर सकते हैं। इन शिकायतों के लिए दिल्ली सरकार ने डेड लाइन रखी हुयी कि कौन सी शिकायत कितने घंटे में हल हो जाएगी। फिर इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भेंजी जायेगी। जिससे केजरीवाल निगरानी रख सकें।
मिट्टी से होने वाले प्रदूणष को खत्म करने केलिए केजरीवाल सरकार ने एंटी डस्ट कैंपन शुरु की है। ये कैंपने “युद्ध विरुद्ध प्रदूषण” के अंतर्गत चलाई जाएगी, जो आज से ही शुरु हो रही है। उन कंस्ट्रक्शन साइट पर दिल्ली सरकार मुआइना करेगी जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है। मिट्टी उडने से रोकने के लिए कई अहतियातन कदम उठाएंगे। यदि वह नहीं माने तो चालान किया जाएगा। मेकेनिकल स्वीपर के द्वारा झाडू लगाया जाएगा ताकि मुट्टी न उडे और प्रदूषण न फैले। सडकों के गड्डे फरने के भी आज आदेश दिये गये है। ताकि मिट्टी को उडने से रोका जा सके। एन्टी स्मोग गन जगह-जगह लगाई जा रही हैं ताकि प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके।
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने पिछले 5 साल में प्रदूषण कम करने के लिए 24 घंटे बिजली देनी शुरू की। इंडस्ट्री को PNG ऑइल यूज़ करने के लिए कहा जिससे प्रदूषण कम हुआ। कंस्ट्रक्शन साइट्स पर चलान करके प्रदूषण कम किया गया। लेकिन हमें संतुष्ट नहीं होना, प्रदूषण को और कम करना है।
दिल्ली में कल से पूसा रिसर्च इंस्टिट्यूट की निगरानी में पराली को खाद में परिवर्तित करने वाला घोल तैयार करेगी। सभी खेतो में दिल्ली सरकार इसका खुद छिडकाव करेगी। जिससे कि प्रदूषण को खत्म किया जा सके।
केजरीवाल सरकार ने बताया कि 2014 से 2019 तक प्रदूषण कम हुआ है। 2014 में प्रदूषण पीएण 205 औसतन 154 था और 2018-2019 में 115 हुआ। यानि कि पिछले 5 सालों में प्रदूषण कम हुआ है।
इस बार प्रदूषण कोरोना के कारण जान भी ले सकता है। इस लिए सभी से इस अभियान में साथ देने के लिए दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में दिल्ली में बहुत बढिया काम किया है जिसका श्रेय जनता को जाता है।
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